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आयुर्वेद के अनुसार ओरल हेल्थ का शरीर के स्वास्थ्य से है सीधा संबंध

Oral Care

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डॉ. सोनिया दत्ता, एमडीएस, पीएचडी, प्रोफेसर इन पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री वर्णन करती हैं, ओरल हेल्थ यानी मुंह की देखभाल सिर्फ दांतों की सफाई से कहीं बढ़कर है। इसका असर पाचन, इम्युनिटी और यहां तक कि आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। कहा जा सकता है कि मुंह का स्वास्थ्य आपके शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। प्राचीन आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान से साफ़ है कि किस तरह मुंह की देखभाल कर आप अपने पूरे शरीर के स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं। डाबर रेड टूथपेस्ट जैसे प्रोडक्ट प्राचीन ज्ञान एवं आधुनिक विज्ञान का संयोजन हैं।

मुंह का स्वास्थ्य: आपके शरीर की स्थिति को बताता है

मुंह आपके शरीर से अलग नहीं है, असल में यह आपके स्वास्थ्य का अभिन्न हिस्सा है। दांतों में कैविटी और मसूड़ों की समस्याएं सिर्फ मुंह तक ही सीमित नहीं रहती। कैविटी होने पर बैक्टीरिया खून में प्रवेश कर जाते हैं, ये बैक्टीरिया दिल की बीमारी, डायबिटीज तक का कारण बन सकते हैं।

प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान:

आयुर्वेद के अनुसार शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए मुंह का स्वास्थ्य बनाए रखना ज़रूरी है। लंबे समय से मुंह की देखभाल के लिए पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता रहा है जैसे ऑयल पुलिंग, टंग स्क्रैपिंग और प्राकृतिक फॉर्मूले का उपयोग। पारंपरिक तरीके और आधुनिक विज्ञान का संयोजन: मुंह की देखभाल में आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का संयोजन कारगर है। कई अध्ययनों से साफ़ हो गया है कि मुंह के स्वास्थ्य का असर व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है। विज्ञान में भी आयुर्वेदिक तरीकों जैसे ऑयल पुलिंग के महत्व को माना गया है। एक अध्ययन के अनुसार तिल के तेल और क्लोरहेक्सिडाइन माउथवॉश दोनों के प्रभाव समान होते हैं। दोनों ही तरीके प्लाक निकालने, जिंजिवाइटिस के उपचार में कारगर पाए गए हैं।